नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥ राधा चालीसा - जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा जो यह पाठ करे मन https://shivchalisas.com